परमात्मा के तीन प्रदक्षिणा करते समय बोलने के दोहे १. काल अनादि अनंत थी भव भ्रमण नो नहीं पार,ते भव{...}
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मुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोलमुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोल
१)सूत्र अर्थ तत्व करी सद्द्हूँ २)सम्यक्त्व मोहनीय३)मिश्र मोहनीय४)मिथ्यात्व मोहनीय परिहरुं५)काम राग६)स्नेह राग७)दृष्टि राग परिहरुं८)सुदेव९)सुगुरु१०)सुधर्म आदरुं११)कुदेव१२)कुगुरु१३)कुधर्म परिहरुं१४)ज्ञान १५)दर्शन १६)चारित्र आदरुं १७)ज्ञान{...}