एह गिरि ऊपर आदिदेव, प्रभु प्रतिमा वंदो,रयण हेठे पादुका, पूजिने आनंदो। 1एह गिरिनि महिमा अनंत, कुन करे वखान,चैत्री पुनमने दीने,{...}
Related Posts
स्थापनाचार्यजी के प्रतिलेखन के 13 बोलस्थापनाचार्यजी के प्रतिलेखन के 13 बोल
(१) शुद्धस्वरूप के धारक गुरु(२) ज्ञानमय(३) दर्शनमय(४) चारित्रमय(५)शुद्ध श्रद्धामय(६)शुद्ध प्ररूपणामय(७) शुद्ध स्पर्शनामय(८-९-१०) पंचाचार का पालन करे, करावे व अनुमोदन करे(११){...}
Recent Comments
No comments to show.