(१) शुद्धस्वरूप के धारक गुरु(२) ज्ञानमय(३) दर्शनमय(४) चारित्रमय(५)शुद्ध श्रद्धामय(६)शुद्ध प्ररूपणामय(७) शुद्ध स्पर्शनामय(८-९-१०) पंचाचार का पालन करे, करावे व अनुमोदन करे(११){...}
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१)सूत्र अर्थ तत्व करी सद्द्हूँ २)सम्यक्त्व मोहनीय३)मिश्र मोहनीय४)मिथ्यात्व मोहनीय परिहरुं५)काम राग६)स्नेह राग७)दृष्टि राग परिहरुं८)सुदेव९)सुगुरु१०)सुधर्म आदरुं११)कुदेव१२)कुगुरु१३)कुधर्म परिहरुं१४)ज्ञान १५)दर्शन १६)चारित्र आदरुं १७)ज्ञान{...}