January 17, 2025January 17, 2025 7:52 am
अक्षत पूजा के दोहे

शुद्ध अखंड अक्षत ग्रही, नन्द्दावतय ववशाल.
परूी प्रभुसन्द्मखु रहो, टाली सकल जंजाल. …………………1.
शुद्ध अखंड अक्षत ग्रही, नन्द्दावतय ववशाल.
परूी प्रभुसन्द्मखु रहो, टाली सकल जंजाल. …………………1.