January 17, 2025January 17, 2025 7:51 am
चामर वींझने का दोहा

बे बाजुचामर ढाले, एक आगल वज्र उलाले;
जइ मेर धरी उत्संगे, इंद्र चोसठ मलीआ रंगे.
प्रभजीनुं मखु डुं जोवा, भवो भवनां पानतक खोवा……..1.
बे बाजुचामर ढाले, एक आगल वज्र उलाले;
जइ मेर धरी उत्संगे, इंद्र चोसठ मलीआ रंगे.
प्रभजीनुं मखु डुं जोवा, भवो भवनां पानतक खोवा……..1.