जैन सूत्रखमासमण सूत्र January 17, 2025January 17, 2025 2:43 pm खमासमण सूत्र इच्छामि खमा-समानो! वंदिउँ,जवनिज्जाए निसिहए, मत्थेन वंदामि ।।1।। Khamaasan Sutra
यस्यः क्षेत्रं स्तुतियस्यः क्षेत्रं स्तुति ।। यस्यः क्षेत्रं स्तुति ।। यस्यः क्षेत्रं समासृत्या, साधुभिः साध्यते क्रिया।स क्षेत्र-देवता नित्यं,भुयन्नः सुख-दायिनी।1{...} READ MOREREAD MORE
इरियावहियं सूत्रइरियावहियं सूत्र इच्छा-कारेण संदिसह भगवन् !इरियावहियं पडिक्कमामि ?इच्छं,इच्छामि पडिक्कमिउंइरियावहियाए, विराहणाएगमणागमणे पाण-क्कमणे, बीय-क्कमणे, हरिय-क्कमणे,ओसा-उत्तिंग-पणग-दगमट्टी-मक्कडा-संताणा-संकमणेजे मे जीवा विराहियाएगिंदिया, बेइंदिया, तेइंदिया,चउरिंदिया, पंचिंदियाअभिहया, वत्तिया, लेसिया, संघाइया,संघट्टिया,{...} READ MOREREAD MORE
स्नातस्या स्तुतिस्नातस्या स्तुति ।। स्नातस्या स्तुति ।। स्नातस्या~प्रतिमस्य मेरु-शिखरे शच्या विभो: शैशवे;रूपा~लोकन-विस्मया~ह्रत -रस-भ्रांत्या भ्रमच्-चक्षुषा ।उन्-मृष्टं नयन-प्रभा-धवलितं क्षिरोदका~शंकया;वक्त्रं यस्य पुनः पुनः स जयति श्री-वर्द्धमानो{...} READ MOREREAD MORE