पंचिंदिय सूत्रपंचिंदिय सूत्र

पंचिंदिय-संवरणो,तह नव-विह-बंभचेर-गुत्तिधरो.चउविह-कसाय-मुक्को,इअ अट्ठारस-गुणेहिं संजुत्तो………………. 1. पंच-महव्वय-जुत्तो,पंच-विहायार-पालण-समत्थो.पंच-समिओ तिगुत्तो,छत्तीस-गुणो गुरू मज्झ……………………….. 2.{...}

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नवकार महामंत्रनवकार महामंत्र

णमो अरिहंताणं,णमो सिद्धाणं,णमो आयरियाणं,णमो उवज्झायाणं,णमो लोए सव्व साहूणं ।एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो ।मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं ।{...}

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मुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोलमुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोल

१)सूत्र अर्थ तत्व करी सद्द्हूँ २)सम्यक्त्व मोहनीय३)मिश्र मोहनीय४)मिथ्यात्व मोहनीय परिहरुं५)काम राग६)स्नेह राग७)दृष्टि राग परिहरुं८)सुदेव९)सुगुरु१०)सुधर्म आदरुं११)कुदेव१२)कुगुरु१३)कुधर्म परिहरुं१४)ज्ञान १५)दर्शन १६)चारित्र आदरुं १७)ज्ञान{...}

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श्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दनश्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दन

श्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दन श्री सीमन्धर वीतराग, त्रिभुवन तुमे उपकारी ।श्री श्रेयांस पिता कुले, बहु शोभा तुमारी १. धन्य धन्य{...}

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स्वस्तिक पूजा के दोहेस्वस्तिक पूजा के दोहे

दर्शन ज्ञान चारित्रना, आराधनथी सार.सिद्धशलानी उपरे, हो मजु वास श्री कार…………………….1. अक्षत पूजा करतां थकां, सफल करूं अवतार.फल मांगु प्रभु{...}

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