पुक्खरवर दिवद्धे सूत्र
।। पुक्खरवर दिवद्धे सूत्र ।।
पुक्खर-वर-दिव्ने, धायै-संदे अ जंबु-दिवे ए।
भरहेरवय-विदेहे, धम्मै-ग्रे नमंसामि………1.
तम-तिमिर-पदल-विद्धं-संसस सुर-गण-नरिंद-महीस्स।
सरहद-धरसस वंदे,
पप्पोदी-मोह जालसस…2.
जय-जरा-मरण-सोग-पनासंस,
कल्लन-पुखल-विसाल-सुहा-वहस्स।
को देव-दानव-नरिंद-गण-छिअस्स,
धम्मस्स सार-मुवल्लभ करे पमायं?………3.
सिद्धे भो! पयो नमो जिन-माए नंदी सया संजमे,
देवं-नाग-सुवन्न-किन्नर-गण-सस्भुअ-भावच्चि।
लो जत्थ पइत्थियो जगमिनं तेलुक्क-मच्चासुरं,
धम्मो वन्नु सासो विजयो धम्मुत्तरं वन्नौ……4.
सुअस्स भगवओ करेमी काउससग्गम.
वंदन वत्तिआए.. आदि ।। ५ ।।