January 17, 2025January 17, 2025 7:56 am
स्वस्तिक पूजा के दोहे

दर्शन ज्ञान चारित्रना, आराधनथी सार.
सिद्धशलानी उपरे, हो मजु वास श्री कार…………………….1.
अक्षत पूजा करतां थकां, सफल करूं अवतार.
फल मांगु प्रभु आगले, तार तार मजु तार…………………..2.
सांसारिक फल मागीने, रडवड्यो बहु संसार.
अष्ट कर्म निवारवा, मागुं मोक्ष फल सार……………………3.
चिहुं गनत भ्रमण संसारमां, जन्द्म मरण जंजाल.
पंचम-गनत ववण जीव ने, सखु नहीं त्रिहूं काल. …………….4.