स्थापनाचार्यजी के प्रतिलेखन के 13 बोल

स्थापनाचार्यजी के प्रतिलेखन के 13 बोल

(१) शुद्धस्वरूप के धारक गुरु
(२) ज्ञानमय
(३) दर्शनमय
(४) चारित्रमय
(५)शुद्ध श्रद्धामय
(६)शुद्ध प्ररूपणामय
(७) शुद्ध स्पर्शनामय
(८-९-१०) पंचाचार का पालन करे, करावे व अनुमोदन करे
(११) मनगुप्ति
(१२) वचनगुप्ति व
(१३) कायगुप्ति से गुप्त।

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