January 18, 2025January 18, 2025 4:11 pm
स्थापनाचार्यजी के प्रतिलेखन के 13 बोल
(१) शुद्धस्वरूप के धारक गुरु
(२) ज्ञानमय
(३) दर्शनमय
(४) चारित्रमय
(५)शुद्ध श्रद्धामय
(६)शुद्ध प्ररूपणामय
(७) शुद्ध स्पर्शनामय
(८-९-१०) पंचाचार का पालन करे, करावे व अनुमोदन करे
(११) मनगुप्ति
(१२) वचनगुप्ति व
(१३) कायगुप्ति से गुप्त।