आदिदेव अल्वेश्रु, विनितानि रे,नाभिराय कुल मंदाणो, मरुदेव मय। 1पंचसे धनुष्नि देहड़ी, प्रभुजी परम दयाल,चौरासी लाख पूर्वाणी, जस आयु विशाल। 2वृषभ{...}
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श्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजीश्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजी
January 15, 2025January 15, 2025 9:39 pm
आदिश्वर जिनरायनी, गणधर गुणवंत,प्रगट नाम पुण्डरीक जस, महिमा महन्त। 1पंच कोदि मुनींद सथ, अनसन तिहान किध,शुक्ल ध्यान ध्याता अमल, केवल{...}
श्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजीश्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजी
January 15, 2025January 15, 2025 9:33 pm
एह गिरि ऊपर आदिदेव, प्रभु प्रतिमा वंदो,रयण हेठे पादुका, पूजिने आनंदो। 1एह गिरिनि महिमा अनंत, कुन करे वखान,चैत्री पुनमने दीने,{...}
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