श्री सिद्धाचलजी का पाँचवा चैत्यवन्दन – भगवान आदिनाथजीश्री सिद्धाचलजी का पाँचवा चैत्यवन्दन – भगवान आदिनाथजी

आदिदेव अल्वेश्रु, विनितानि रे,नाभिराय कुल मंदाणो, मरुदेव मय। 1पंचसे धनुष्नि देहड़ी, प्रभुजी परम दयाल,चौरासी लाख पूर्वाणी, जस आयु विशाल। 2वृषभ{...}

READ MOREREAD MORE

श्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजीश्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजी

आदिश्वर जिनरायनी, गणधर गुणवंत,प्रगट नाम पुण्डरीक जस, महिमा महन्त। 1पंच कोदि मुनींद सथ, अनसन तिहान किध,शुक्ल ध्यान ध्याता अमल, केवल{...}

READ MOREREAD MORE

श्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजीश्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजी

एह गिरि ऊपर आदिदेव, प्रभु प्रतिमा वंदो,रयण हेठे पादुका, पूजिने आनंदो। 1एह गिरिनि महिमा अनंत, कुन करे वखान,चैत्री पुनमने दीने,{...}

READ MOREREAD MORE