स्नातस्या स्तुतिस्नातस्या स्तुति

।। स्नातस्या स्तुति ।। स्नातस्या~प्रतिमस्य मेरु-शिखरे शच्या विभो: शैशवे;रूपा~लोकन-विस्मया~ह्रत -रस-भ्रांत्या भ्रमच्-चक्षुषा ।उन्-मृष्टं नयन-प्रभा-धवलितं क्षिरोदका~शंकया;वक्त्रं यस्य पुनः पुनः स जयति श्री-वर्द्धमानो{...}

READ MOREREAD MORE

सकलार्हत्-स्तोत्रसकलार्हत्-स्तोत्र

।। सकलार्हत्-स्तोत्र ।। सकलाऽऽर्हत् – प्रतिष्ठान~मधिष्ठानं शिव – श्रियः ।भूर् – भुव :-स्वस् – त्रयीशान~मार्हन्त्यं प्रणिदध्महे        ।।१।।{...}

READ MOREREAD MORE

सकल तीर्थ वन्दना सूत्रसकल तीर्थ वन्दना सूत्र

|| सकल तीर्थ वन्दना सूत्र || सकल तीर्थ वंदुं कर जोड, जिनवर नामे मंगल क्रोडपहेले स्वर्गे लाख बत्रीश, जिनवर चैत्य नमुं निश-दिश   {...}

READ MOREREAD MORE

भरहेसर सज्झाय सूत्रभरहेसर सज्झाय सूत्र

|| भरहेसर सज्झाय सूत्र || भरहेसर बाहुबली, अभय कुमारो अ ढंढण कुमारोसिरिओ अण्णिआ उत्तो, अइमुत्तो नागदत्तो अ 1 मेअज्ज थूलभद्दो, वयर रिसी नंदिसेण{...}

READ MOREREAD MORE

मन्नह जिणाणं सज्झाय सूत्रमन्नह जिणाणं सज्झाय सूत्र

|| मन्नह जिणाणं सज्झाय सूत्र || मन्नह जिणाणमाणं, मिच्छं परिहरह, धरह सम्मत्तं छव्विह-आवस्सयम्मि, उज्जुत्तो होइ पइ-दिवसं    1 पव्वेसु पोसह-वयं, दाणं सीलं तवो{...}

READ MOREREAD MORE

चउक्कसाय  सूत्रचउक्कसाय  सूत्र

|| चउक्कसाय  सूत्र || चउक्कसाय-पडिमल्लुल्लूरणु, दुज्जय-मयण-बाण-मुसुमूरणुसरस-पियंगु-वन्नु गय-गामिउ, जयउ पासु भुवण-त्तय-सामिउ    1  जसु तणु-कंति-कडप्प-सिणिद्धउ, सोहइ फणि-मणि-किरणा-लिद्धउनं नव-जल-हर-तडिल्लय-लंछिउ, सो जिणु पासु पयच्छउ वंछिउ    2{...}

READ MOREREAD MORE

लघु-शान्ति स्तवन सूत्रलघु-शान्ति स्तवन सूत्र

|| लघु-शान्ति स्तवन सूत्र || शान्तिं शान्ति-निशान्तं, शान्तं शान्ता-शिवं नमस्कृत्य. स्तोतुः शान्ति-निमित्तं, मन्त्र-पदैः शान्तये स्तौमि…….. .1.  ओमिति निश्चित-वचसे, नमो नमो भगवतेर्हते पूजाम्. शान्ति-जिनाय जयवते, यशस्विने{...}

READ MOREREAD MORE

अड्दाइज्जेसु स्तुतिअड्दाइज्जेसु स्तुति

।। अड्दाइज्जेसु स्तुति ।। अड्दाइज्जेसु दीव-समुद्देसु , पनरससु कम्म-भूमीसु;जावंत के वि साहू , रय-हरण-गुच्छ-पडिग्गह-धरा ……………………… 1 . पंच-मह-व्वय-धरा , अट्ठारस-सहस्स-सीलंग-धरा;अक्खुया-यार-चरित्ता{...}

READ MOREREAD MORE

विशाल-लोचन स्तुतिविशाल-लोचन स्तुति

|| विशाल-लोचन स्तुति ||विशाल-लोचन-दलं, प्रोद्यद्-दन्तांशु-केसरम्प्रतरवीर-जिनेन्द्रस्य, मुख-पद्मं पुनातु वः 1 येषामभिषेक-कर्म कृत्वा, मत्ता हर्ष-भरात् सुखं सुमेराःतृणमपि गणनाति नैव नाकं,  प्रातः सन्तु शिवाय{...}

READ MOREREAD MORE

नमोस्तु वर्द्धमानाय सूत्रनमोस्तु वर्द्धमानाय सूत्र

|| नमोस्तु वर्द्धमानाय सूत्र || नमोस्तु वर्द्धमानाय, स्पर्द्धमानाय कर्मणा.तज्जया-वाप्त-मोक्षाय, परोक्षाय कुतीर्थिनाम्. .1.  येषां विकचा-रविन्द-राज्या, ज्यायः क्रम-कमलावलिं दधत्या.सदृशैरिति संगतं प्रशस्यं, कथितं सन्तु शिवाय ते जिनेन्द्राः.{...}

READ MOREREAD MORE