वैयावच्चग्रां सूत्रवैयावच्चग्रां सूत्र
|| वैयावच्चग्रां सूत्र || वेयावच्च-गरणं, सन्तत्-गरणं, सम्मद्ददि-समादि-गरणं करेमं कौस्सग्गं।।1।।{...}
|| वैयावच्चग्रां सूत्र || वेयावच्च-गरणं, सन्तत्-गरणं, सम्मद्ददि-समादि-गरणं करेमं कौस्सग्गं।।1।।{...}
।। सिद्धाणं बुद्धाणं सूत्र ।।सिद्धाणं बुद्धाणं, पार-गयाणं परंपर-गयाणंलोअग्ग-मुवगयाणं, नमो सया सव्व-सिद्धाणं 1 जो देवाण वि देवो, जं देवा पंजली नमंसंतितं देव-देव-महिअं, सिरसा वंदे{...}
।। पुक्खरवर दिवद्धे सूत्र ।। पुक्खर-वर-दिव्ने, धायै-संदे अ जंबु-दिवे ए।भरहेरवय-विदेहे, धम्मै-ग्रे नमंसामि………1. तम-तिमिर-पदल-विद्धं-संसस सुर-गण-नरिंद-महीस्स।सरहद-धरसस वंदे, पप्पोदी-मोह जालसस…2. जय-जरा-मरण-सोग-पनासंस,कल्लन-पुखल-विसाल-सुहा-वहस्स।को देव-दानव-नरिंद-गण-छिअस्स,धम्मस्स सार-मुवल्लभ करे{...}
|| संसार दावानल स्तुति || संसार-दावा-नल-दाह-नीरं,संमोह-धूलि-हरने समीरं।माया-रसा-दरण-सार-सीरं,नमामि वीरं गिरि-सार-धीरं।1। भव-वनम्-सुर-दानव-मानवेन,चूला-विलोल-कमला-वलि-मालितानि।संपूरिता-भिन्नत-लोक-समिहितानी,कामं नमामि जिनराज-पदानि तानि।2। बोधगाधं सुपाद-पदवी-नीर-पूराभिरामं,जीव-हिंसा-विरल-लहरी-संगमा-गाह-देहं।चूल-वेलं गुरु-गम-मणि-संकुलं दूर-पारं,सारं-वीरा-गम-जल-निधिं सादरं साधु सेवा।3।{...}
|| कल्लाणकंदं सूत्र || कल्लाणकंदं पढमं जिणिंदंसंतिं तओ नेमिजिणं मुणिदं,पासं पायसं सुगुणिक्कठाणं ,भत्तीइ वंदे सिरि-वद्धमाणं………….१ अपार संसार समुद्दपारं,पत्ता सिवं दिंतु{...}
।। अरिहंत चेइयाणं सूत्र ।।अरिहंत-चेइयाणं, करेमि काउस्सग्गं १. वंदण-वत्तिआए, पूअण-वत्तिआए,सक्कारवत्तिआए, सम्माण-वत्तिआए २. बोहि-लाभ-वत्तिआए, निरुवसग्ग-वत्तिआए,सद्धाए, मेहाए, धिईए, धारणाए,अणुप्पेहाए वड्ढमाणीए, ठामि काउस्सग्गं.{...}
।। जय वीयराय सूत्र ।।जय वीयराय! जग-गुरु!होउ ममं तुह प्पभावओ भयवं!भव-निव्वेओ मग्गाणुसारिआइट्ठफल-सिद्धी १. लोग-विरुद्ध-च्चाओगुरु-जण-पूआ परत्थ-करणं चसुह-गुरु-जोगो तव्वयण-सेवणा,आ-भवमखंडा 2. वारिज्जइ जइ{...}
।। उवसग्गहरं सूत्र ।।उवसग्ग-हरं पासं,पासं वंदामि कम्म-घण-मुक्कं।विसहर-विस-निन्नासं,मंगल-कल्लाण-आवासं। १. विसहर-फुलिंग-मंतं,कंठे धारेइ जो सया मणुओ।तस्स गह-रोग-मारी,दुट्ठ-जरा जंति उवसामं २.चिट्ठउ दूरे मंतो,तुज्झ पणामो{...}
।। पंच परमेष्ठि नमस्कार सूत्र ।।नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योंपाध्याय-सर्व-साधुभ्य:{...}
।। जावंत केवि साहू सूत्र ।।जावंत केवि साहू,भरहेरवय-महा-विदेहे अ.सव्वेसिं तेसिं पणओ,ति-विहेण ति-दंड- विरयाणं १.{...}