वर्तमान काल के 24 तीर्थंकर के नाम, प्रतीक, वर्ण एवं निर्वाण स्थानवर्तमान काल के 24 तीर्थंकर के नाम, प्रतीक, वर्ण एवं निर्वाण स्थान

नाम प्रतीक वर्ण निर्वाण स्थान 1. ऋषभदेवजी बैल सुवर्ण अष्टापद पर्वत (कैलाश) 2.अजितनाथजी हाथी सुवर्ण सम्मेत शिखर 3. संभवनाथजी घोड़ा{...}

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श्री सिद्धाचलजी का पाँचवा चैत्यवन्दन – भगवान आदिनाथजीश्री सिद्धाचलजी का पाँचवा चैत्यवन्दन – भगवान आदिनाथजी

आदिदेव अल्वेश्रु, विनितानि रे,नाभिराय कुल मंदाणो, मरुदेव मय। 1पंचसे धनुष्नि देहड़ी, प्रभुजी परम दयाल,चौरासी लाख पूर्वाणी, जस आयु विशाल। 2वृषभ{...}

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श्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजीश्री सिद्धाचलजी का चौथा चैत्यवन्दन – श्री पुण्डरीक स्वामीजी

आदिश्वर जिनरायनी, गणधर गुणवंत,प्रगट नाम पुण्डरीक जस, महिमा महन्त। 1पंच कोदि मुनींद सथ, अनसन तिहान किध,शुक्ल ध्यान ध्याता अमल, केवल{...}

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श्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजीश्री सिद्धाचलजी का तीसरा चैत्यवन्दन – रायण पगलाजी

एह गिरि ऊपर आदिदेव, प्रभु प्रतिमा वंदो,रयण हेठे पादुका, पूजिने आनंदो। 1एह गिरिनि महिमा अनंत, कुन करे वखान,चैत्री पुनमने दीने,{...}

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श्री सिद्धाचलजी का दूसरा चैत्यवन्दन – श्री शांतिनाथजीश्री सिद्धाचलजी का दूसरा चैत्यवन्दन – श्री शांतिनाथजी

शांति जिनेश्वर सोलमा, अचिरासुत वंदो,विश्वसेनकुल नभोमणि, भविजान सुख कांडो। 1मृगलंछन जिन औखुं, लख वरस प्रमाण,हत्थिनौर न्यारी धानी, प्रभुलि गुन मनिखां।{...}

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श्री सिद्धाचलजी का पहला चैत्यवन्दन – तलेटीश्री सिद्धाचलजी का पहला चैत्यवन्दन – तलेटी

( जय तलेटी करे ) सकल सुहंकर सिद्धक्षेत्र, सिद्धाचल सुणीओ,सुर नर नरपति असुर खेचर, निकरे जे थुणीए… १सकल तीरथ अवतार{...}

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