(१) शुद्धस्वरूप के धारक गुरु(२) ज्ञानमय(३) दर्शनमय(४) चारित्रमय(५)शुद्ध श्रद्धामय(६)शुद्ध प्ररूपणामय(७) शुद्ध स्पर्शनामय(८-९-१०) पंचाचार का पालन करे, करावे व अनुमोदन करे(११){...}
Category: जैन विधि
चउविहार पच्चक्खाणचउविहार पच्चक्खाण
दिवसचरिमं पच्चक् खाइ (पच्चक् खामि); चउव्विहं पि आहारं, असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहि-वत्तियागारेणं वोसिरई (वोसिरामि).{...}
मुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोलमुहपत्ति पडिलेहण के 50 बोल
१)सूत्र अर्थ तत्व करी सद्द्हूँ २)सम्यक्त्व मोहनीय३)मिश्र मोहनीय४)मिथ्यात्व मोहनीय परिहरुं५)काम राग६)स्नेह राग७)दृष्टि राग परिहरुं८)सुदेव९)सुगुरु१०)सुधर्म आदरुं११)कुदेव१२)कुगुरु१३)कुधर्म परिहरुं१४)ज्ञान १५)दर्शन १६)चारित्र आदरुं १७)ज्ञान{...}
श्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दनश्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दन
श्री सीमंधरस्वामीजी जिन चैत्यवन्दन श्री सीमन्धर वीतराग, त्रिभुवन तुमे उपकारी ।श्री श्रेयांस पिता कुले, बहु शोभा तुमारी १. धन्य धन्य{...}
फल पूजा के दोहेफल पूजा के दोहे
इन्द्द्रादीक पूजा भणी, फल लावे धरी राग.पुरुषोत्तम पूजा करी, मागे शिव-फल त्याग…………………1.{...}
नैवेद्य पूजा के दोहेनैवेद्य पूजा के दोहे
अणाहारी पद में कर्या, विग्गह गई अनंत.दरू करी ते दीजीये, अणाहारी शिव संत …………………..1.{...}
स्वस्तिक पूजा के दोहेस्वस्तिक पूजा के दोहे
दर्शन ज्ञान चारित्रना, आराधनथी सार.सिद्धशलानी उपरे, हो मजु वास श्री कार…………………….1. अक्षत पूजा करतां थकां, सफल करूं अवतार.फल मांगु प्रभु{...}
अक्षत पूजा के दोहेअक्षत पूजा के दोहे
शुद्ध अखंड अक्षत ग्रही, नन्द्दावतय ववशाल.परूी प्रभुसन्द्मखु रहो, टाली सकल जंजाल. …………………1.{...}
चामर वींझने का दोहाचामर वींझने का दोहा
बे बाजुचामर ढाले, एक आगल वज्र उलाले;जइ मेर धरी उत्संगे, इंद्र चोसठ मलीआ रंगे.प्रभजीनुं मखु डुं जोवा, भवो भवनां पानतक{...}