श्री सिद्धाचलजी का पहला चैत्यवन्दन – तलेटीश्री सिद्धाचलजी का पहला चैत्यवन्दन – तलेटी

( जय तलेटी करे ) सकल सुहंकर सिद्धक्षेत्र, सिद्धाचल सुणीओ,सुर नर नरपति असुर खेचर, निकरे जे थुणीए… १सकल तीरथ अवतार{...}

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चैत्यवंदन-पूर्वविधिचैत्यवंदन-पूर्वविधि

(प्रथम नीचे अनुसार इरियावहि करने हेतु निम्न सूत्र बोलकर एक खमासमण दे.) इच्छामि खमासमण सूत्र इच्छामि खमा-समणो! वंदिउं, जावणिज्जाए निसीहिआए’,{...}

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श्री सिद्धाचलजी के 21 खमासणा के दोहेश्री सिद्धाचलजी के 21 खमासणा के दोहे

सिद्धाचल समरु सदा, सोरठ देश मोझार मनुष्य जन्म पामी करी, वंदु वार हजार ।।१।। अंग वसन मन भूमिका, पूजोपगरण सार{...}

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चौबीस तीर्थंकर की स्तुति एवं वंदनचौबीस तीर्थंकर की स्तुति एवं वंदन

चौबीस तीर्थंकर की स्तुति एवं वंदन बे गौरा बे सावंला, बे हरिया बे लाल ।सौलहकाय कंचन सम, ते वंदन हूँ{...}

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तीन प्रदक्षिणा (परिक्रमा) करते समय बोलने के दोहेतीन प्रदक्षिणा (परिक्रमा) करते समय बोलने के दोहे

परमात्मा के तीन प्रदक्षिणा करते समय बोलने के दोहे १. काल अनादि अनंत थी भव भ्रमण नो नहीं पार,ते भव{...}

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